मुनीर खान,धुरकी| गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड अंतर्गत अंबाखोरया पंचायत मे झारखंड को छत्तीसगढ़ की सीमा से विभाजित करने वाली कनहर नदी स्थित पर्यटन स्थल के नाम मशहूर और राज्य स्तरीय पर्यटन स्थल का दर्जा मिलने के बाद कर्पुरी ठाकुर पर्यटन स्थल सुखलदरी वाटर फाॅल मे वर्ष के अंतीम महिने दिसंबर मे पर्यटको की उमड़ने लगी है भीड़।
सुखलदरी वाटर फाॅल नववर्ष के आगमन को सेलीब्रेट करने और पुराने साल को विदा कहने के लिए गढ़वा जिला ही नहीं बल्कि झारखंड प्रदेश के विभिन्न जिले से लेकर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले व उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के पर्यटकों के लिए सुखलदरी वाटर फाॅल सबसे उपर्युक्त माना जाता है। सुखलदरी फाॅल मे वर्ष के अंतिम महिना दिसंबर से लेकर जनवरी तक यहां खुब धुम-धाम से और बड़े ही मस्ती और उमंग के साथ पर्यटक सपरिवार पिकनिक मनाने आते हैं और प्रकृति के सबसे मनोरम स्थल का नयनाभीराम करते हैं। सुखलदरी वाटर फाॅल की सबसे बड़ी खासियत यह है की कनहर नदी के दोनो किनारों पर हरे-भरे घने जंगल से ओतप्रोत गगन चुंबी पहाड़ है जिसके बीच मे प्राकृतिक रूप के रंग बिरंगे चट्टानों से अठखेलियां करती हुई कनहर नदी की जलधारा दुधिया रंग मे होकर उफनती हुई अविरल रूप लेकर पहाड़ चट्टानो के उपर से बहती है और सौ फुट उंचे चट्टानों पर सवार होकर जब निचे की ओर कल-कल करते हुए झरना का रूप लेकर गिरती है तो उस दृश्य पर बरबस लोगों की निगाहें कुछ देर तक टिकी की टीकी रह जाती है। इसी दृश्य को लोग घंटों देर तक चट्टानों पर बैठकर निहारते रहते हैं सुखलदरी फाॅल पुरी तरह से प्राकृतिक संरचनाओ से रचा रचाया हुआ गढ़वा जिले का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल है।सुखलदरी फाॅल मे नीचे उतरने के लिए 370 सीढियों से उतरकर और चढ़ना पड़ता है, जिला प्रशासन ने इसे लाखों रूपये की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य भी कराया है। फाॅल के आसपास बैठने के लिए पार्कनुमा डिजाइन की कुर्सियों का निर्माण भी किया गया है। वहीं वीवीआईपी वीआईपी अतिथियों को ठहरने के लिए सभी सुविधा युक्त बंगला (गेस्ट हाउस) का भी निर्माण कर दिया गया है और कंटीले तारों से घेराबंदी भी की गई है। सुखलदरी फाॅल तक पहुंचने के लिए मुख्य पथ से सुखलदरी फाॅल तक पीसीसी सड़क का निर्माण कर दिया गया है इससे पुर्व कच्ची सड़क से पर्यटक आते जाते थे। वहीं अनेक प्रमुख मार्ग और स्थलों पर फाॅल तक पहूंचने के लिए एरो युक्त किलोमीटर के साथ अंकित किया हुआ जिला प्रशासन और पथ निर्माण विभाग ने बोर्ड भी लगाया है ताकी बाहर से आने वाले पर्यटको को आसानी से पता चल सके।
यहां पर्यटकों को पहूंचने के लिए अनेकों मार्ग हैं वैसे तो जिला मुख्यालय से एनएच 75 स्थित बंशीधर नगर अनुमंडल मुख्यालय से सिधे मार्ग से फाॅल तक पहूंचा जा सकता है। वहीं गढ़वा जिले से मेराल अंबाखोरया मार्ग से भी सिधे फाॅल तक पहूंचा जा सकता है।