धुरकी प्रखंड कार्यालय मे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तात्वावधान मेमहिलाओ को दिया गया जल सुरक्षा विषय पर एकदिवसीय प्रशिक्षण।
धुरकी|गढ़वा, धुरकी प्रखंड कार्यालय परिसर के मिटिंग हाॅल मे बीडीओ जुल्फिकार अंसारी की उपस्थिती मे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार के तात्वावधान मे बुधवार को पेयजल स्त्रोत्र के जैविक प्रदुषण के जोखिम आकलन हेतु स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जल सहिया को एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षण दे रहे अनुज कुमार चौबे ने बताया की जल स्त्रोत्र का प्रकार उथले एवं गहरे नलकूप मे एचएस वायल मे जांच के लिए लिया गया पानी के नमूने का रंग 24 से 48 घंटे मे काला ना हो तो स्त्रोत्र को सुरक्षित माना जाएगा। उन्होने बताया की अगर काला हो जाए तो स्त्रोत्र को पुरी तरह असुरक्षित माना जाएगा। वही बीडीओ ने प्रशिक्षण मे भाग ले रही महिलाओ को बताया की ग्रामीण महिलाओं को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि इसके अंतर्गत हर गांव की पांच महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वह अपने क्षेत्र में जल की गुणवत्ता मापने का काम सुचारू रूप से कर सकें। बीडीओ ने कहा की शुरू की गई योजना के अंतर्गत हर गांव में नल से जल पहुंचाने का वृहद लक्ष्य तय किया गया है। वही प्रशिक्षण मे पीने, खाना पकाने और अन्य घरेलू बुनियादी जरूरतों के लिये स्थायी आधार पर पर्याप्त सुरक्षित पानी का प्रावधान, हर समय और सभी स्थितियों में आसानी से और आस-पास से सुलभ करने के लिए बताया। वही टिकाऊ तरीके से और गुणवत्ता दोनों सहित सतह और भूजल संसाधनों के संरक्षण, वृद्धि और प्रबंधन के लिए बेसिन और जलग्रहण स्तरों पर उपायों की एक श्रृंखला का डिजाइन और कार्यान्वयन के बारे मे जानकारी दी गई। वही महिलाओ को बताया गया की स्थाई जल संसाधन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर हितधारकों की संवेदनशीलता और क्षमता का निर्माण करने सहित अन्य जानकारी दी गई। इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन के ब्लाॅक कोर्डिनेटर एजाज अंसारी, जेएसएलपीएस के विनोद कुमार सहित जलसहिया आंगनवाड़ी केंद्र की सेविका सहायिका सहित अन्य महिलाएं उपस्थित थी।