भाजपा नेता चंदन जायसवाल अपने समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा मे हुए शामिल मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने किया स्वागत

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Munir Khan|Garhwa: भारतीय जनता पार्टी गढ़वा जिला मंत्री सह सांसद प्रतिनिधी चंदन जायसवाल अपने समर्थकों के साथ शनिवार को गढ़वा मे झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल हो गए.

चंदन जायसवाल भाजपा जिला कमेटी मे ओबीसी और वैश्य समाज मे गहरी पैठ रखने वाले युवा नेताओं मे से जाने जाते हैं. चंदन जायसवाल को भाजपा से मोह भंग हो गया, और वह स्थानीय विधायक सह मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के विकास कार्यों को देखकर और गढ़वा की तस्वीर पांच वर्षों मे बदलता हुआ देखकर प्रभावित हुए और अंततः झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल हो गए.

वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा मे चंदन जायसवाल अपने समर्थकों के साथ मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर से पार्टी का प्राथमिक सदस्यता ग्रहण किए. आपको बता दें इससे पहले मेराल के मशहूर लाइन होटल के मालिक संजय भगत भी भाजपा को छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल हो चूके हैं.

मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर गढ़वा विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा के मजबूत अंग माने जाने वाले नेताओं को अपने प्रभाव से जेएमएम मे लगातार शामिल करवा रहे हैं. यहां बता दें की एक तरफ गिरिनाथ सिंह जहां समाजवादी पार्टी से चुनाव मैदान मे उतरकर अल्पसंख्यकों के वोट मे सेंधमारी करने की जुगत कर रहे हैं, तो वहीं दुसरी तरफ मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर भाजपा के ओबीसी वैश्य समाज के नेताओं को अपनी पार्टी मे शामिल करा रहे हैं.

यह संकेत स्पष्ट है की अब ओबीसी वैश्य समाज भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ रूख कर रहे हैं, वहीं गढ़वा विधानसभा क्षेत्र मे 13 नवंबर को पहले चरण मे मतदान होना है और जैस-जैसे समय नजदीक हो रहा है वैसे-वैसे गढ़वा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव और भी रोचक होता जा रहा है. एक तरफ जहां भाजपा से दुसरी बार सत्येंद्रनाथ तिवारी को टिकट मिलने और दुसरी तरफ नेता अलखनाथ पांडेय को टिकट नही मिलने पर भाजपा के प्रति निराशाजनक प्रक्रिया मिडिया मे देकर भाजपा नेता

अलखनाथ पांडेय ने हलचल मचा दी है और इसके प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी गढ़वा जिला इकाई मे बिखराव होने लगा है. भाजपा के संघर्षशील नेता कार्यकर्ता अब पार्टी से मोह भंग कर झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल होने लगे हैं. फिलहाल आपको बता दें की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल मे यह भरोसा भी कहीं न कहीं जता दिया है की हेमंत सोरेन सीर्फ आदिवासी दलित

अल्पसंख्यक वर्ग के लिए नही बल्की वह सभी वर्गों के लिए हैं, वहीं इसका फायदा अब झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिल भी रहा है और ओबीसी वैश्य समाज के लोग अब झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल भी हो रहे हैं. वहीं गढ़वा विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे और भी रोचक रंग मे अब रंगने लगा है.

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