‘…तो हिटलर ने आपसे इसीलिए नफरत की होगी’, इजरायल पर क्यों आगबबूला हुए संजय राउत ।

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इजरायल पर आगबबूला हुए संजय राउत।- India TV Hindi

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इजरायल पर आगबबूला हुए संजय राउत।

मुंबई: इजराइल और गाजा के बीच महीनों से युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि अमेरिका और कतर की मध्यस्थता से इस समय अल्पयुद्ध विराम लागू है। वहीं गाजा पट्टी में इजराइल के हमले से मरने वाली महिलाओं और बच्चों को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने कहा है कि जब अस्पतालों पर हमले किए गए, उसमें कई नवजात शिशु मारे गए, तब मुझे लगा कि इसलिए तो हिटलर ने इसलिए आपसे नफरत की होगी। हालांकि जब बाद में मुझे पता चला कि यह ठीक नहीं है, इससे यहूदी समुदाय की भावना को ठेस पहुंच सकती है तो मैंने ट्वीट पीछे लिया।

युद्ध के भी नियम होते हैं

बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत ने हाल ही में इजराइल द्वारा गाजा पट्टी पर किए जा रहे हमले को लेकर एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट पर इजराइल की एम्बेसी ने नाराजगी जताते हुए भारत सरकार को लेटर लिखा था। वहीं इस मामले पर सवाल पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा कि इजराइल सरकार को लेटर लिखने दीजिए, वह हमेशा सरकार का दोस्त रहा है। मैं उनकी भावनाओं की रिस्पेट करता हूं। आगे उन्होंने कहा कि मैंने क्या लिखा था। जिस तरीके से गाजा पट्टी के अस्पताल पर इजराइल नॉन स्टॉप बॉम्बिंग कर रहा है, वहां जो नवजात शिशु हैं, उनको ना दूध मिल रहा है ना पानी मिल रहा है, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि युद्ध के भी कुछ नियम होते हैं। यह नियम महाभारत काल से चल रहे हैं और हम उनका पालन करते हैं।

हमने हमास के हमलों की भी की निंदा

संजय राउत ने कहा कि इजरायल के बारे में मैं इतना ही कहता हूं कि हमास ने इजराइल के अंदर घुसकर जो हमला किया, वहां के लोगों को बंधक बनाया, इसकी हमने निंदा की है। गाजा पट्टी में बच्चे और बूढ़े हैं, उनको मदद मिलनी चाहिए, उन्हें नहीं मारना चाहिए, यही हमारी मानवता है और यही युद्ध के नियम हैं। इस बारे में हमने टिप्पणी की है अगर इससे कोई आहत होता है तो मैं क्या कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में यहूदी हैं। हमारे देश में भी हमने बहुत ही सम्मान के साथ उनको वर्षों से हमारे साथ रखा है। इजरायल के बारे पंडित नेहरु के जमाने से जो भूमिका रही है, वही हमारी और पूरे देश की भूमिका है।

सरकार की भूमिका के साथ हम हमेशा से खड़े

उन्होंने कहा कि जब युद्ध शुरु हुआ तो सबसे पहले हमारे प्रधानमंत्री इजराइल के साथ खड़े थे। पंडित नेहरु हों, लाल बहादुर शास्त्री हों, इंदिरा गांधी हों या राजीव गांधी हों, जो हमारे सरकार की ऑफिशियल भूमिका है हम उसी के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब युद्ध में नवजात शिशु मारे गए, जब उन पर हमला हुआ, तो मेरी यह भावना रही कि इसलिए तो हिटलर ने आपसे नफरत की होगी। बाद में मुझे जब पता चला यह ठीक नहीं है, इससे हमारे यहूदी समुदारय की भावना को ठेस पहुंच सकती है, तो मैंने ट्वीट पीछे ले लिया। आगे उन्होंने कहा कि इस बात को जमाना हो गया। लगता है किसी ने उनको चाबी दे दी है।

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