पलायन का दंश झेल रहे गनियारीकला मे उड़ीसा से आया एक नवजवान युवक का शव 

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मुनीर खान/धुरकी|गढ़वा: बेरोजगारी पलायन का दंश झेल रहे धुरकी प्रखंड क्षेत्र के गनियारीकला पंचायत अंतर्गत गनियारीखुर्द गांव के करूअसना टोला निवासी स्वर्गीय कामेश्वर भुइयां का बड़ा बेटा 35 वर्षीय सुनील भुइयां का शव मंगलवार को उड़ीसा के कटक शहर से  एंबुलेंस से गनियारीखुर्द गांव मे उसके घर पहुंचा तब मृतक के परिजन के घर मे चीख-पुकार और रोने की आवाज से मातम पसर गया।
मृतक 40 वर्षीय सुनील भुइयां(फाइल फोटो)
मृतक 40 वर्षीय सुनील भुइयां(फाइल फोटो
पत्नि लक्षमनिया देवी व तीन बेटे और तीन बेटियां भी तड़प-तड़प कर पिता के शव को देखकर दहाड़ मारकर रोने-धोने और बिलबिलाने लगे वही रोने की शोर से गांव मे मातम छा गया, आसपास के लोग भी इस मंजर को देखकर दुखी हुए और अपनी आंख से आंशू रोक नही पाए। आपको बता दें ऐसा मामला कोइ पहली बार का नही है, धुरकी प्रखंड के विभिन्न गांव व पंचायत मे प्रत्येक महिने मे एंबुलेंस से इस क्षेत्र के बेरोजगार नवजवानो का शव ताबूत मे एंबुलेंस से ऐसे ही अनवरत आता रहता है।
सुनील भुइयां की मौत के बाद अनाथ हुई पत्नि तीन छोटे-छोटे बेटे और तीन बेटियां
सुनील भुइयां की मौत के बाद अनाथ हुई पत्नि तीन छोटे-छोटे बेटे और तीन बेटियां
गनियारीखुर्द गांव के करूअसना टोला निवासी अत्यंत ही गरीब व दलित समुदाय का मृतक सुनील भुइयां मेहनत मजदुरी का काम करने के लिए उड़ीसा राज्य के कटक शहर के पारादीप थाना क्षेत्र मे टेक्नो कंपनी मे सरीया-सेटरिंग व मजदुरी का काम करता था। वहीं उसके साथ गांव के ही काफी संख्या मे नवजवान युवक भी काम करते थे। मृतक के परिजनो के अनुसार सुनिल विगत रविवार को रोजाना की तरह काम करके रात्रि मे खाना खाने के बाद आराम कर सोने लगा इसके बाद अचानक उसकी तबीयत खराब हुई, तब उसके साथीयो ने टेक्नो कंपनी के सुपरवाइजर को फोन से सुचना दिया, इसके बाद सुपरवाइजर ने ऑटो भेजकर सुनील का इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर जाने के क्रम मे सुनील ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही ऑटो मे ही दम तोड़ दिया और उसकी मौत हो गई।
एंबुलेंस से मृतक सुनील भुइयां का शव उतारते लोग
एंबुलेंस से मृतक सुनील भुइयां का शव उतारते लोग
इसके बाद टेक्नो कंपनी के कर्मियों ने मृतक सुनील के शव का अस्पताल मे पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके शव को अंतिम संस्कार करने हेतु एंबुलेंस से सोमवार की सुबह उड़ीसा के कटक शहर से रवाना किया, वहीं इधर मंगलवार की शाम मे मृतक सुनील का शव जैसे ही गनियारीखुर्द मे उसके घर पहुंचा, तभी मृतक की पत्नि सहित तीन बेटा और तीन बेटी पुरी तरह से अनाथ हो गए वही अपने पिता के शव को देखकर छाती पीट-पीटकर और दहाड़ मारकर रोने लगे।
वहीं यह मंजर देखकर आस-पड़ोस के लोग की आंखें नम हो गई, पड़ोसियो ने मृतक की पत्नि बेटा बेटी सबको संभालने मे जुटे और ढाढस बंधा रहे थे, पत्नि लक्षमनिया देवी रोते बिलखते हुए बताया की वे लोग अब पुरी तरह से अनाथ हो गए अब उनके घर मे कोई भी कमाने वाला नही बचा। पड़ोस के लोगो ने बताया की अत्यंत ही गरीब निर्धन तबके के हैं मेहनत मजदुरी करके मृतक सुनील अपने तीन बेटे व तीन बेटियों का किसी तरह भरण-पोषण करता था। वहीं सुनील की मौत के बाद बेटा बेटी पत्नि की देखभाल करने वाला भी उसके घर मे कोई नही है।

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