भूक्तभोगियों और ग्रामीणो मे मुआवजा नही मिलने पर वन विभाग के प्रति रोष।
नही थम रहा गजराजों का गुस्सा धुरकी प्रखंड मे पचास मकान दो दर्जन पशु सैकड़ो एकड़ मे लगी फसल सहित एक ग्रामीण को हाथियों ने कुचलकर मार डाला है।
धुरकी|गढ़वा: धुरकी थाना क्षेत्र के भंडार पंचायत मे हाथियों के झुंड ने दो सगे भाइयों का मकान ध्वस्त कर दिया है। गुरुवार को भुक्तभोगी ग्रामीण दोनो सगे भाइ सिकंदर यादव व झोलर यादव ने बताया की गत बुधवार की रात्रि मे उनके घर के निकट हाथियो का झुंड अचानक आ गया, इसके बाद पुर्व की तरह इसबार भी चिंघाड़ते हुए दोनो घरों के दरवाजे पर सूंड़ से मिट्टी के मकान पर खड़े से छाया हुआ घर को तोड़ने लगे और दीवार को ध्वस्त कर दिया।
भुक्तभोगी दोनो भाइयों ने कहा की हाथियो के डर से कुछ देर तक ऐसा लगा की हाथी हम सबको मार डालेंगे लेकिन गनीमत यह रहा की मकान को तोड़कर ध्वस्त कर वापस जंगल की तरफ चले गए। आपको बता दें धुरकी प्रखंड मे हाथियों का झुंड घनी आबादी वाले और मुख्य रूप से कनहरतटीय और जंगल से सटे गांव मे आना कोइ नई बात नही है। विगत छः माह से हाथियो का झुंड लगातार गांव मे प्रवेश कर फसलो को नुकसान पहुंचाते रहते हैं, लेकिन गत माह दिसंबर महिने मे माचपानी के जंगल मे हाथियों ने एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला था, इसके बाद उग्र लोगो ने शव को मुख्य सड़क पर रखकर सड़क को जाम कर अविलंब मुआवजे की मांग पर अड़ गए थे। आपको बता दें भुक्तभोगियो के फसल क्षतिपुर्ती, मकान तोड़फोड व गाय बैल पशुओ को कुचलकर मारने के एवज मे मुआवजा देने हेतु वन विभाग को आवेदन दिए हुए छः माह से अधिक गुजर गए लेकिन वन विभाग के तरफ से अभीतक भुक्तभोगियों को क्षतिपुर्ती का मुआवजा नही मिला है। वहीं इसके विरुद्ध भुक्तभोगी और स्थानीय ग्रामीणो मे मुआवजा छः माह के बाद भी नही मिलने पर विभाग के खिलाफ जनाक्रोश है, वहीं ग्रामीणो ने मुआवजा भुगतान कराने के समर्थन मे अंदर ही अंदर गोलबंद होकर रणनिती बनाने मे जुट गए हैं।