धुरकी|गढ़वा: धुरकी प्रखंड क्षेत्र के अंबाखोरया पंचायत अंतर्गत व गढ़वा जिले का सुप्रसिद्ध राज्यस्तरीय पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त कर चुके सुखलदरी वाटर फाॅल से परासपानीकला तक निर्माण हो रहे सड़क के पीसीसी मे गुरुवार को ग्रामीण और जनप्रतिनिधियो ने दोबारा कार्य को बंद करा दिया है। वही जेई से सड़क निर्माण कार्य का शिकायत करने पर जेई के बातचीत के रवैया से ग्रामीण मे जेई के खिलाफ नाराजगी देखी गई।
जनप्रतिनिधी और जेई मे फोन पर पंचायत के बीडीसी कृष्ण कुमार सिंह मुखिया प्रतिनिधी हरिलाल सिंह वार्ड सदस्य हिरा सिंह उपमुखिया प्रतिनिधी राजकुमार विश्वकर्मा सहित ग्रामीणो ने निर्माणाधीन सड़क के पीसीसी ढलाई मे मानक के अनुरूप सीमेंट, कंक्रीट, गिट्टी बालू का मात्रा सही-सही अनुपात से नही करने व घोर अनियमितता के खिलाफ जमकर कार्यस्थल पर हंगामा करते हुए कार्य को बंद करा दिया। जनप्रतिनिधी और ग्रामीणो ने कहा की विगत 20 मई को भी हम सभी ग्रामीणो ने घटिया सामाग्री से सड़क के पीसीसी मे ढलाई होता देखकर कार्य को बंद कराया था, इसके बाद कार्यस्थल से ग्रामीण कार्य विभाग गढ़वा के जेई संजीव कुमार से फोन पर बातचीत कर उन्हें कार्यस्थल पर बुलाने की मांग करने लगे थे।
वहीं ग्रामीणो ने पीसीसी निर्माण कार्य मे निम्न स्तर का गिटी पत्थर बालु व सीमेंट का प्रयोग होता देखकर विभागीय जेई से शिकायत भी किया था इसके बाद जेई ने तत्काल ठेकेदार और मुंशी को पीसीसी ढलाई मे प्रयोग किए जा रहे घटिया गिट्टी को हटाकर उच्च गुणवत्ता का गिट्टी से ढालने के लिए कहा था, लेकिन उस दिन ग्रामीणो का विरोध शांत देखकर पुनः ठेकेदार और मुंशी के द्वारा वही निम्न स्तर का गिट्टी से ढलाई किया जा रहा है। बीडीसी और मुखिया प्रतिनिधी ने कहा की यह सड़क पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त सूखलदरी तक बनाई जा रही है। लेकिन पीसीसी ढलाई, कल्वर्ट निर्माण गार्डवाल निर्माण व कालीकरण कार्य के दौरान विभागीय जेई भी नदारद रहते हैं।
ग्रामीणो ने कहा की वे लोग इस सड़क के घटिया निर्माण के खिलाफ दोबार विरोध दर्ज कर चूके हैं, इसके बाद भी ठेकेदार के द्वारा सड़क निर्माण कार्य को बिना गुणवत्ता का किया जा रहा है। वही ग्रामीणो ने तत्काल पुनः दोबारा जेई को फोन कर इसकी शिकायत की और जेई को कार्यस्थल पर बुलाने की मांग करने लगे, इस दौरान जेई से बीडीसी और मुखिया प्रतिनिधी जब बात कर जेई का नाम पूछने पर जेई ने कहा की हमारा नाम मत जानीए आप काम से मतलब रखिए। वही ग्रामीण जेई के इस रवैया से नाराज भी हुए। इधर खबर लिखे जाने तक जेई संजीव कुमार कार्यस्थल पर नही पहुंचे थे।